मध्य प्रदेशराज्य

बुंदेलखंड से लेकर चंबल-मालवा तक मिलेगा भरपूर पानी

भोपाल। पानी की समस्या से जुझ रहे मप्र के बुंदेलखंड से लेकर चंबल-मालवा तक भरपूर पानी मिलेगा। पानी की समस्या का यह समाधान केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल प्रोजेक्ट्स से होगा। नदियों को जोडऩे वाले इन दो बड़े प्रोजेक्ट्स की शुरुआत इसी महीने से होने जा रही है। मप्र और उत्तर प्रदेश में फैले बुंदेलखंड में केन और बेतवा को जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट से मप्र में बुंदेलखंड हिस्से के 10 जिलों को पानी मिलेगा। दूसरा पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक प्रोजेक्ट है। इन तीन नदियों को जोडऩे से मप्र के चंबल से लेकर मालवा तक फायदा होगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक प्रोजेक्ट से प्रदेश के 12 जिलों में सिंचाई और पीने के लिए पानी मिलेगा। दोनों ही प्रोजेक्ट का भूमिपूजन इसी महीने होने की संभावना है।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को जयपुर से करेंगे। कार्यक्रम में राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, मप्र के सीएम डॉ. मोहन यादव, दोनों राज्यों के जल संसाधन विभागों के मंत्री, केंद्र और राज्य सरकारों के अफसर मौजूद रहेंगे। इन परियोजनाओं की खास बात यह है कि केन-बेतवा लिंक देश का इस तरह का पहला तो पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक  दूसरा प्रोजेक्ट है।

केन और बेतवा को लिंक कैनाल से जोडऩे की योजना
केन और बेतवा बुंदेलखंड की दो सबसे बड़ी नदियां हैं। दोनों अलग-अलग छोरों पर बहती हैं। यमुना की इन दो सहायक नदियों को एक लिंक कैनाल से जोडऩे की योजना है। बुंदेलखंड लगभग 23733 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में फैला है। केन और बेतवा नदी यहां की लाइफलाइन हैं। इसके बावजूद इस क्षेत्र में जल संकट बड़ी चुनौती है। साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने केन और बेतवा नदियों को आपस में जोडक़र बर्बाद होते पानी को रोकने के प्रयास शुरू किए थे। 2003 में एमपी की तत्कालीन सीएम उमा भारती ने भी इस परियोजना को अमल में लाने का प्रयास किया था। अब 22 साल बाद पूर्व पीएम वाजपेयी का सपना साकार होने जा रहा है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस परियोजना के भूमिपूजन के लिए समय मांगा है। अगर मंजूरी मिली तो 25 दिसंबर से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हो सकती है। छतरपुर जिले में दौधन बांध पर निर्माण का भूमिपूजन किया जाएगा। छतरपुर और पन्ना जिले के बॉर्डर पर खजुराहो के करीब केन नदी पर दौधन बांध बनाया जाएगा। इस बांध से 230 किलोमीटर लंबी नहर के जरिए केन नदी का पानी निवाड़ी और उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के बॉर्डर पर ओरछा के करीब बेतवा नदी में जोड़ा जाएगा। बुंदेलखंड में मप्र के 10 जिले- पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जबकि उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले आते हैं। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से इन सभी जिलों के 9.5 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा। 10 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई हो सकेगी। 62 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 103 मेगावाट हाइड्रो पावर और 27 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट भी बनाया जाएगा।

पिछले साल हुआ था एमओयू
केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए विवादों का निपटारा करते हुए 22 मार्च 2023 को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के साथ मप्र और यूपी के मुख्यमंत्रियों के बीच त्रिपक्षीय एमओयू हुआ। इस परियोजना का 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार और 10 प्रतिशत राज्य सरकारें उठाएंगी। कुल 44 हजार 605 करोड़ रुपए की राशि में से एमपी सरकार 24334 करोड़ और यूपी सरकार 5710 करोड़ रुपए देगी। केन-बेतवा लिंक प्राधिकरण 14560 करोड़ रुपए खर्च करेगा।

?s=32&d=mystery&r=g&forcedefault=1
News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button