छत्तीसगढ़

रामसेतु पुल ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम- अमर

बिलासपुर। ऐतिहासिक धरोहर, रामसेतु पुल , जो 30 जुलाई 1926 को पहली बार उद्घाटित हुआ था, अब 99 वर्षों के गौरवशाली इतिहास के साथ एक नई यात्रा पर अग्रसर है। यह पुल न केवल शहर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि इसकी पहचान का एक अभिन्न हिस्सा भी है। 22 जनवरी 2024 को रामसेतु पुल के नामकरण समारोह में, नगर विधायक अमर अग्रवाल ने पुल के सौंदर्यीकरण हेतु जो भी राशि की आवश्यकता होगी, उसे उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। उनके नेतृत्व और प्रयासों से 2.63 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस राशि का उपयोग पुल के सौंदर्यीकरण और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के लिए किया जाएगा। इस परियोजना के तहत पुल के ढांचे को सुदृढ़ करने के साथ-साथ उसे शहर की शान के अनुरूप विकसित किया जाएगा। यह कार्य न केवल पुल की ऐतिहासिक महत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि बिलासपुरवासियों के लिए गर्व और पर्यटन के नए अवसर भी प्रदान करेगा। नगर विधायक अमर अग्रवाल ने कहा, रामसेतु पुल हमारे शहर की ऐतिहासिक पहचान है। इसका सौंदर्यीकरण और संरक्षण भविष्य की पीढयि़ों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा। यह परियोजना बिलासपुर के विकास में एक और कदम है।
बिलासपुर वासियों के लिए यह क्षण बेहद गर्व और हर्ष का है कि उनकी ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित और संवारा जा रहा है। यह पहल शहर के विकास और समृद्धि में मील का पत्थर साबित होगी।

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News Desk

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