छत्तीसगढ़

विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य पर लगे झूठे आरोप, 15 लोगों को भेजा ₹10 लाख से अधिक का मानहानि नोटिस

रायपुर शहर के एक प्रति ष्ठित निजी विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य श्रीमती रुपिका लॉरेंस ने स्कूल प्रबंधन और कार्यप्रणाली पर झूठे और मानहानिक आरोप लगाने वाले 15 व्यक्तियों को कानूनी नोटिस जारी किया है। यह नोटिस रायपुर जिला न्यायालय के अधिवक्ता अहसानुल सिद्दीकी द्वारा दिनांक 4 जुलाई 2025 को भेजा गया।

नोटिस में बताया गया है कि श्रीमती रुपिका लॉरेंस विगत 20 वर्षों से शिक्षा सेवा में कार्यरत हैं और पिछले कुछ वर्षों से विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य के रूप में कर्तव्य निभा रही हैं। किंतु हाल ही में एक समूह द्वारा उनके विरुद्ध सोशल मीडिया, शासकीय संस्थानों और अभिभावकों के बीच झूठे, अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण आरोप फैलाए गए हैं, जिनका कोई कानूनी या तथ्यात्मक आधार नहीं है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोप लगाने वालों ने स्कूल प्रबंधन में गड़बड़ी, स्टाफ का उत्पीड़न, पीएफ राशि रोकना, कोविड के समय जबरन काम कराना जैसे गंभीर आरोप लगाए, जिससे श्रीमती लॉरेंस की सामाजिक और पेशेवर प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।

प्रभारी प्राचार्य की ओर से जारी नोटिस में इन सभी 15 लोगों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और ₹10.25 लाख की क्षतिपूर्ति की मांग की गई है:

मानहानि व सामाजिक क्षति – ₹5,00,000

मानसिक व शारीरिक पीड़ा – ₹5,00,000

कानूनी व्यय व नोटिस शुल्क – ₹25,000

कुल: ₹10,25,000

नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि 15 दिनों के भीतर प्रतिवादीगण द्वारा सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना और संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया, तो आपराधिक मानहानि की कार्यवाही (IPC की धारा 499 एवं 500 के तहत) प्रारंभ की जाएगी।

इस घटनाक्रम ने शिक्षा जगत में चिंता का विषय उत्पन्न कर दिया है। कई शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस प्रकार के झूठे आरोपों को ईमानदार शैक्षिक नेतृत्व के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश करार दिया है।

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News Desk

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