मध्यप्रदेश

MP में पेपर स्टाम्प का खत्मा: अब सिर्फ ई-स्टाम्प, हर साल ₹30 करोड़ की बचत और ट्रैकिंग भी आसान

भोपाल 

मध्य प्रदेश में 126 साल पुरानी मैनुअल स्टाम्प व्यवस्था अब बंद होने जा रही है. जैसे कभी टेलीग्राम और मनीऑर्डर बंद हुए थे, वैसे ही अब मैनुअल स्टाम्प पूरी तरह खत्म किए जा रहे हैं. सरकार अब सिर्फ ई-स्टाम्प जारी करेगी. नई व्यवस्था कुछ महीनों में लागू होने जा रही है. इससे सरकार को हर साल करीब 34 करोड़ रुपए की बचत होगी, जो अब तक स्टाम्प की छपाई, ढुलाई और सुरक्षा पर खर्च होते थे. बता दें कि 100 रुपए से ज्यादा वाले मैनुअल स्टाम्प तो साल 2015 में ही बंद किए जा चुके हैं.

अभी तक 100 रुपए से नीचे वाले स्टाम्प की छपाई नीमच और हैदराबाद प्रेस में की जाती है, फिर इन्हें सुरक्षा इंतजामों के साथ अलग-अलग जिलों में भेजा जाता है. ई-स्टाम्प लागू होने के बाद ये परेशानी खत्म हो जाएगी. ई-स्टाम्प सिस्टम से ये भी ट्रैक किया जा सकेगा कि किसने, कब और कितने मूल्य का स्टाम्प खरीदा है. इससे फर्जीवाड़े और दोहरी बिक्री जैसी गड़बड़ियों पर रोक लगेगी. मैनुअल स्टाम्प बंद करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है.

जल्द मैनुअल स्टाम्प बंद होगा
किरायानामा से लेकर एफिडेविट तक लोगों को रोजमर्रा के कामों में स्टाम्प की जरूरत पड़ती है. किरायानामा, एफिडेविट, पॉवर ऑफ अटॉर्नी और सेल एग्रीमेंट जैसे दस्तावेजों के लिए अब लोगों को लंबी लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. बैंक या अधिकृत केंद्र से आसानी से ई-स्टाम्प खरीदा जा सकेगा. इसके अलावा अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर खुद भी ई-स्टाम्प जनरेट कर सकेगा. इससे आम लोगों का समय और पैसा दोनों बचेंगे.

डेटा रीयल टाइम में उपलब्ध 
राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ई-स्टाम्प सिस्टम से पारदर्शिता और राजस्व संग्रहण दोनों में सुधार होगा. अब हर ट्रांजेक्शन का डेटा रीयल टाइम में उपलब्ध रहेगा. खास बात यह है कि मध्य प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जो अपने खुद के सॉफ्टवेयर से ई-स्टाम्प जारी करता है. बाकी राज्यों में यह काम थर्ड पार्टी एजेंसी "स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया" करती है, एमपी में पैसा सीधे राज्य सरकार के खजाने में जाता है, जबकि बाकी राज्यों में पहले एजेंसी के पास जमा होकर फिर सरकार तक पहुंचता है. 

डिजिटल स्टाम्प के लाभ और खर्च में कमी

डिजिटल स्टाम्प के चलन में आने से हर साल स्टाम्प पेपर की प्रिंटिंग और उसे वेंडर्स तक पहुंचाने पर होने वाले खर्च में बचत होगी। वर्तमान में, इस प्रक्रिया पर लगभग 30 से 35 करोड़ रुपए का खर्च आता है। कागजी स्टाम्प की समाप्ति के बाद, यह खर्च बच जाएगा और राज्य के वित्तीय संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा।

पंजीकरण विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, जैसे ही राज्य सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देगी, कागजी स्टाम्प पेपर का प्रचलन समाप्त हो जाएगा। इसके बाद, केवल डिजिटल स्टाम्प का ही उपयोग किया जाएगा, जो एक नई तकनीकी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम न केवल पारदर्शिता लाएगा, बल्कि स्टाम्प के दुरुपयोग को भी कम करेगा।

इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम (ESS) का प्रभाव

मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम (ESS) की शुरुआत जुलाई 2013 में हुई थी। इस प्रणाली के माध्यम से, स्टाम्प पेपर को अधिकृत वेंडर के जरिए ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। ईएसएस के जरिए न केवल स्टाम्प की खरीद प्रक्रिया सरल होती है, बल्कि इसकी ट्रैकिंग भी आसान होती है। इससे स्टाम्प के दुरुपयोग की संभावना कम हो जाती है और लेनदेन की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित होती है।
ई-स्टाम्प कैसे खरीदें: एक सरल प्रक्रिया

डिजिटल स्टाम्प खरीदने के लिए, उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित सरल चरणों का पालन करना होगा:

    मध्य प्रदेश के ई-स्टाम्पिंग पोर्टल या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर जाएं।
    आवश्यक दस्तावेज श्रेणी (जैसे बिक्री विलेख, किराया समझौता) चुनें और लेनदेन का विवरण भरें।
    नेट बैंकिंग, यूपीआई या कार्ड जैसे ऑनलाइन तरीकों से भुगतान करें।
    सफल भुगतान के बाद, आपको तुरंत एक डिजिटल स्टाम्प प्रमाण पत्र प्राप्त होगा।

इसके अतिरिक्त, यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन प्रक्रिया में संकोच करता है, तो वह अपने शहर में किसी अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से भी स्टाम्प खरीद सकता है।

स्टाम्प का दुरूपयोग और ट्रेकिंग आसान होगी एमपी में इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम (ESS) जुलाई 2013 में शुरू हुई थी। इस सिस्टम में स्टाम्प पेपर को अधिकृत वेंडर के जरिए ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। ईएसएस के जरिए स्टाम्प की ट्रेकिंग आसान होती है।

ऑनलाइन ऐसे खरीद सकते हैं ई-स्टाम्प

    मध्य प्रदेश के ई-स्टाम्पिंग पोर्टल या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर जाएं।
    आवश्यक दस्तावेज श्रेणी (जैसे बिक्री विलेख, किराया समझौता) चुनें और लेनदेन का विवरण भरें।
    नेट बैंकिंग, यूपीआई या कार्ड जैसे ऑनलाइन तरीकों से भुगतान करें।
    सफल भुगतान के बाद आपको तुरंत डिजिटल स्टाम्प प्रमाण पत्र मिल जाएगा।

अधिकृत वेंडर से भी ले सकते हैं

    अपने शहर में किसी अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से भी खरीद सकते हैं।
    स्टाम्प वेंडर जरूरी स्टाम्प शुल्क और प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शन करेंगे।
    जरूरी विवरण देने के बाद, आप भुगतान कर सकते हैं और स्टाम्प वेंडर से डिजिटल स्टाम्प प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।

अधिकृत वेंडर से खरीदने की प्रक्रिया

अधिकृत वेंडर से स्टाम्प खरीदने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

    अपने शहर में किसी अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से संपर्क करें।
    स्टाम्प वेंडर आपको आवश्यक स्टाम्प शुल्क और प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन करेगा।
    जरूरी विवरण देने के बाद, आप भुगतान कर सकते हैं और स्टाम्प वेंडर से डिजिटल स्टाम्प प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।

इस नई प्रणाली के माध्यम से, मध्य प्रदेश सरकार ने न केवल दस्तावेजों की प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया है। डिजिटल स्टाम्प के माध्यम से, नागरिकों को एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें अपने लेनदेन में आसानी होगी।

इस परिवर्तन के साथ, मध्य प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें तकनीकी प्रगति और पारदर्शिता को महत्व दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में, उम्मीद की जा रही है कि यह प्रणाली अन्य क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।

?s=32&d=mystery&r=g&forcedefault=1
News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button