मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में ₹6 करोड़ की जमीन का बड़ा घोटाला, मृत महिला के नाम हुई दो रजिस्ट्री

मुरैना
सरकारी पट्टे और भूदान की बेशकीमती जमीनों को हड़पने के लिए भू-माफिया किस तरह के हथकंडे अपनाते हैं, इसका ताजा उदाहरण कैलारस तहसील के शेखपुर गांव में देखने को मिला है। यहां भूदान की सरकारी जमीन को कब्जाने के लिए न केवल रिकॉर्ड में हेरफेर की गई, बल्कि जमीन की मालकिन नर्मदा जाटव की मौत के पांच महीने बाद उनके नाम से जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। कलेक्टर लोकेश जांगिड़ ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

शेखपुर हल्का के सर्वे नंबर 312 की 0.784 हेक्टेयर जमीन भूदान की थी, जो शेखपुर निवासी कलावती पत्नी बिस्सू जाटव के दो बेटों बनवारी जाटव, बृजेश जाटव और बेटी नर्मदा जाटव के नाम दर्ज थी। यह जमीन नेशनल हाईवे 552 के किनारे स्थित है और वर्तमान में इसकी कीमत लगभग छह करोड़ रुपये बताई जा रही है। गरीब परिवार से यह जमीन करीब 40 लाख रुपये में खरीदी गई। चौंकाने वाली बात यह है कि नर्मदा जाटव की मृत्यु 3 अक्टूबर 2022 को हो चुकी थी। परिवार को सरकार से चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी ग्राम पंचायत के माध्यम से मिल चुकी थी। इसके बावजूद मृतका को जिंदा दिखाकर 15 मार्च 2023 को उनके नाम से जमीन की दो रजिस्ट्रियां कर दी गईं।

पहली रजिस्ट्री में नर्मदा के नाम से 0.098 हेक्टेयर जमीन सुभाष पुत्र केदार पाराशर निवासी इटोरा और अरविंद पुत्र हरिविलास शर्मा निवासी रामपुर कला के नाम बेची गई। उसी दिन दूसरी रजिस्ट्री में मृतका नर्मदा को बिचपुरी हल्का, तहसील जौरा की 0.0980 हेक्टेयर जमीन का खरीदार बताया गया। यह फर्जी रजिस्ट्री इस शर्त को पूरा करने के लिए की गई थी कि भूदान की जमीन बेचने के बदले उतनी ही जमीन कहीं और खरीदी जाए। दरअसल, भूदान की जमीन बेचने की अनुमति तभी मिलती है जब उतनी या उससे अधिक भूमि कहीं और खरीदी जाए। इसलिए भू-माफियाओं ने बिचपुरी की बंजर और पथरीली जमीन मृतका के नाम करवा दी, ताकि करोड़ों की जमीन का सौदा वैध प्रतीत हो सके।

इससे पहले मृत नर्मदा के भाई बनवारी जाटव, बृजेश जाटव और मां कलावती जाटव ने अपने हिस्से की 0.686 हेक्टेयर भूदान की जमीन 23 फरवरी 2023 को बेच दी थी। बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के इस विक्रय को राजस्व रिकॉर्ड में स्वीकृत कर लिया गया और बाद में यह जमीन सुभाष पाराशर, अरविंद शर्मा और संजय पुत्र रामरतन शर्मा निवासी पालपुर कॉलोनी, सबलगढ़ के नाम दर्ज हो गई।

शिकायतकर्ता अभिषेक सिंह जादौन निवासी सबलगढ़ ने इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत कलेक्टर अंकित अस्थाना से की है। उनके अनुसार, मृतका नर्मदा की जगह रजिस्ट्री कार्यालय में कमला जाटव नामक महिला को खड़ा किया गया, जो बनवारी जाटव की पत्नी है। जबकि बनवारी स्वयं इस सौदे में गवाह बना।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने जांच समिति गठित कर दी है। अब यह जांच की जा रही है कि इस पूरे प्रकरण में राजस्व और रजिस्ट्री कार्यालय के कौन-कौन कर्मचारी शामिल थे और कैसे मृतका के नाम से यह जमीनें बेची जा सकीं।
मामला गंभीर है, इसलिए सबलगढ़ एसडीएम मेघा तिवारी को पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच परिणाम आते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।लोकेश जांगिड़कलेक्टर, मुरैना

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News Desk

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