मध्य प्रदेशराज्य

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- जीआईएस-भोपाल से स्पीड-अप होने लगा ईवी और ऑटोमोबाइल सेक्टर…

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जीआईएस भोपाल के शुभारंभ पर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण की बढ़ती संख्या को मध्यप्रदेश में ईवी क्रांति की बढ़ती स्वीकार्यता और निवेशकों के लिए इसमें अपार संभावनाओं को रेखांकित किया था। मध्यप्रदेश ऑटोमोबाइल और ईवी के क्षेत्र में न केवल निर्माण बल्कि नवाचार और अनुसंधान के हब के रूप में उभर रहा है।

सरकार निवेशकों को हरसंभव सुविधाएं प्रदान कर रही है। मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और ऑटोमोबाइल सेक्टर को जबरदस्त गति मिल रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) भोपाल के मंच से मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश को इस क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।

प्रदेश में स्थापित होंगे ईवी और ऑटोमोबाइल विकास के नए आयाम –

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जीआईएस-भोपाल में देश-विदेश की प्रमुख ऑटोमोबाइल और ईवी कंपनियों ने हिस्सा लिया। वर्तमान में प्रदेश में 30 से अधिक मूल उपकरण निर्माता कंपनियां कार्यरत हैं और 200 से अधिक कंपनियां वाहन कल-पुर्जों का निर्माण कर रही हैं। वाणिज्यिक वाहन निर्माण में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है, जबकि बस और ट्रैक्टर निर्माण में यह दूसरे स्थान पर है।

जीआईएस- भोपाल में ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान इलेक्ट्रो-ग्रेफाइट (एचईजी) ने 1,800 करोड़ रुपये के निवेश का करार किया। देवास में बनने वाले इस संयंत्र में ग्रेफाइट एनोड का उत्पादन होगा, जिससे ईवी बैटरियों की लागत में कमी आएगी और उद्योग को नया प्रोत्साहन मिलेगा।

पीथमपुर बन रहा भारत का ‘डेट्रॉयट’ –

मध्यप्रदेश का पीथमपुर ऑटो-क्लस्टर लगभग 4,500 हेक्टेयर में फैला हुआ है और यह देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल केंद्रों में से एक बन चुका है। यहां फोर्स मोटर्स, आयशर मोटर्स, एवीटीएसी मोटर्स, काइनेटिक मोटर्स जैसी दिग्गज कंपनियां कार्यरत हैं। साथ ही, 60 से अधिक ऑटो कल-पुर्जा निर्माता कंपनियां यहां अपने उत्पाद बना रही हैं। पीथमपुर में स्थित एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड टेस्टिंग ट्रैक ‘नैट्रैक्स’ (11 किमी) वाहन परीक्षण के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जो इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाता है।

एमपी मोबिलिटी एक्सपो 2025: नवाचार और निवेश का केंद्र –

जीआईएस समिट में एमपी मोबिलिटी एक्सपो-2025 का आयोजन किया गया, जिसमें ब्रिजस्टोन, ज़ेडएफ स्टीयरिंग, मदरसन गेबियल, आनंद इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों ने भाग लिया। एक्सपो में सुपर कार और सुपर बाइक प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। विभिन्न स्टार्ट-अप्स ने अपने नवाचार प्रस्तुत किए, जिससे प्रदेश में नई तकनीकों के समावेश को बढ़ावा मिला।

ईवी और सस्टेनेबल मोबिलिटी की दिशा में कदम –

मध्यप्रदेश ईवी बैटरी निर्माण, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और हाइड्रोजन फ्यूल इनोवेशन में तेजी से निवेश आकर्षित कर रहा है। स्वच्छ और सस्टेनेबल ऑटोमोबाइल निर्माण को बढ़ावा देने के लिय राज्य सरकार विशेष नीतियां लागू कर रही है।

प्रदेश में निवेश के लिये ऑटोमोबाइल और ईवी निवेशकों में उत्साह –

मध्यप्रदेश सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कर-प्रोत्साहन, शीघ्र अनुमोदन प्रक्रिया और उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा दे रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश के ऑटोमोबाइल और वाहन कल-पुर्जा क्षेत्र ने 19.2 करोड़ डॉलर मूल्य का निर्यात किया। इससे प्रदेश को राजस्व प्राप्त हुआ और हजारों नए रोजगार के अवसर सृजित हुए।

प्रमुख कंपनियों की भागीदारी –

जीआईएस-भोपाल में ऑटो मोबाइल और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में काम कर रही प्रमुख कंपनियों ने हिस्सेदारी की। ऑटो-एक्सपो में ब्रिजस्टोन, जेडएफ स्टीयरिंग, बाडवे इंजीनियरिंग, मदरसन गेबियल, पिस्टल देवास, आनंद इंडस्ट्रीज, झालानी इंजीनियर्स, एसडी एक्सेल प्रा. लिमिटेड, जगतजीत इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, टैफे मोटर्स एंड ट्रैक्टर्स लिमिटेड, वी.ई. कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड और पिनेकल इंडस्ट्रीज शामिल थीं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा किईवी-मोबिलिटी के विस्तार से मध्यप्रदेश में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन नीति को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे राज्य न केवल आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर होगा, बल्कि हरित ऊर्जा और सतत् विकास की दिशा में भी मिसाल कायम करेगा।

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News Desk

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