मध्यप्रदेश

भोपाल : शांति का टापू अब आतंकियों का सेफ जोन, 3 साल में सीरिया से बांग्लादेश तक के आतंकी गिरफ्तार

भोपाल

 मध्य प्रदेश की राजधानी अब आतंकियों और मादक पदार्थ तस्करों का पनाहगाह बनती जा रही है। बीते तीन वर्षों में भोपाल से सीरिया से लेकर बांग्लादेश तक के कई संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, जो देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर आतंक फैलाने की साजिश रच रहे थे। आशंका है कि सिमी के बाद अन्य प्रतिबंधित संगठन यहां से अपने नेटवर्क का विस्तार करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
 राजधानी को शांति का टापू माना जाता है, लेकिन अब यह आतंकियों और मादक पदार्थ तस्करों का पनाहगाह बनती जा रही है। पिछले तीन साल में शहर से सीरिया से लेकर बांग्लादेश तक के कई संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रच रहे थे। अब यह साफ है कि भोपाल आतंकियों के लिए एक सेफ जोन बनता जा रहा है।

जेएमबी और एचयूटी के आतंकी पकड़े गए

सिमी के बाद अन्य प्रतिबंधित संगठनों ने भी यहां अपने नेटवर्क फैलाए। जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों ने भोपाल में पनाह ली, लेकिन इंटेलिजेंस की सक्रियता से उनका मॉड्यूल ध्वस्त किया गया। इसके बाद एनआईए ने शाहजहांनाबाद से पीएफआई और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के सदस्यों को गिरफ्तार किया। पुलिस और एजेंसियों की जांच में यह भी सामने आया कि कुछ युवक सीधे आईएसआईएस से संपर्क में थे।

भोपाल से ISIS आतंकी कैसे हुआ गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS (इस्लामिक स्टेट) के एक खतरनाक मॉड्यूल को ध्वस्त करते हुए भोपाल के करोंद इलाके से 21 वर्षीय आतंकी सैयद अदनान उर्फ अबू (अदनान खान) को गिरफ्तार किया, जबकि दिल्ली के सादिक नगर से 20 वर्षीय अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब को पहले ही पकड़ लिया गया था।

दोनों ने मिलकर दिल्ली के भीड़भाड़ वाले मॉल और पब्लिक पार्क में IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से फिदायीन (सुसाइड) हमला करने की प्लानिंग की थी। गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि अदनान (भोपाल वाला) के लैपटॉप से फिदायीन ट्रेनिंग के वीडियो बरामद हुए, जिसमें सीरियाई-तुर्की बॉर्डर पर बैठे एक हैंडलर के निर्देश थे।

 अदनान ने पहले भी ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के जज को सोशल मीडिया पर धमकी दी थी। यह गिरफ्तारी न केवल दिल्ली को बचाने वाली है, बल्कि ISIS की ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन की गहराई को उजागर करती है। आइए, इस सनसनीखेज मामले की पूरी परतें खोलते हैं-गिरफ्तारी से लेकर साजिश, खुलासे और पुलिस की कार्रवाई तक।

साजिश का खुलासा: 'दिवाली पर IED ब्लास्ट', दिल्ली के मॉल-पार्क थे निशाना

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 16 अक्टूबर 2025 को खुफिया इनपुट मिला कि ISIS का एक छोटा मॉड्यूल दिल्ली में बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। शुरुआत दिल्ली के सादिक नगर से हुई, जहां 20 वर्षीय अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब (जिसका पिता सरकारी कर्मचारी है) को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने भोपाल कनेक्शन उजागर किया, जिसके बाद 18 अक्टूबर सुबह 4 बजे स्पेशल सेल की टीम भोपाल पहुंची। निशातपुरा थाना क्षेत्र के इंडस रीजेंसी अपार्टमेंट के मकान नंबर A-46 पर छापा मारा गया, जहां 21 वर्षीय सैयद अदनान उर्फ अबू को उसके परिवार के साथ सोते हुए पकड़ा गया। अदनान भोपाल में CA की तैयारी कर रहा था, लेकिन छह साल से परिवार के साथ रहते हुए ISIS की गतिविधियों में लिप्त था।

पुलिस की बड़ी चूक

आतंकियों की मौजूदगी के बावजूद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क नहीं दिखीं। सबसे बड़ी विफलता यह रही कि शहर में किरायेदारों का सत्यापन ठीक से नहीं हुआ। इसी कमी का फायदा आतंकियों ने उठाया और घनी बस्तियों में पनाह ले ली।

ऐशबाग और करोंद में ठिकाना

मार्च 2022 में एटीएस ने ऐशबाग से जेएमबी के आतंकियों को पकड़ा था। पूछताछ में पता चला कि ऐशबाग की घनी बस्ती में किराए पर मकान लेना आसान है और वहां नजर रखना मुश्किल है। यहां तीन साल तक आतंकी छिपे रहे, लेकिन पुलिस और इंटेलिजेंस को भनक तक नहीं लगी। अब तक ऐशबाग से करीब दस संदिग्ध गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं करोंद इलाके में जेएमबी के मददगारों और आईएसआईएस से जुड़े आतंकियों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।

 

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News Desk

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