छत्तीसगढ़

जनजातीय गौरव के लिए हम सबक को मिलकर काम करना होगा: मंत्री रामविचार नेताम….

रायपुर: आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम आज नवा रायपुर अटल नगर स्थित आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभाकक्ष में जनजातीय समाज का गौरवशाली ऐतिहासिक, सामाजिक एवं अध्यात्मिक योगदान’’ विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में शामिल हुए।

आदिम जाति विकास मंत्री श्री नेताम ने शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत काफी समृद्ध है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है। इस वर्ष बिरसा मुण्डा जी के 150वीं वर्ष पूर्ण होने पर 15 से 20 नवंबर तक जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर से 15 नवंबर तक जनजातीय गौरव पखवाड़ा चल रहा है। 15 नवंबर को सभी जिलों सहित आश्रम-छात्रावासों में वृहद रूप से जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया जाएगा।

इस मौके पर जनजातीय नृत्य, गीत-संगीत, लोक कला, वाद-विवाद, भाषण, पेंटिंग सहित विविध आयामों पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। आगामी 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ की धरती अंबिकापुर में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का आगमन प्रस्तावित है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के कर-कमलों से विजेताओं, कलाकारों और छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा।

'जनजातीय समाज का गौरवशाली ऐतिहासिक, सामाजिक एवं अध्यात्मिक योगदान’ विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती अंबिकापुर में जनजातीय समाज के ही सर्वोच्च पद पर स्थापित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आ रही है। यह हम सब के लिए गौरव की बात है। हमें कार्यक्रम में संवेदनशीलता के साथ सहभागी बनते हुए कार्यक्रम को सफल बनाना है। उन्होंने कहा कि विरासत से प्रेरणा लेने से विकास के लिए नयी दिशा भी बनती है। उन्होंने कहा कि विरासत के स्वतंत्रता आंदोलन, अध्यात्म और संस्कृति के साथ-साथ सामाजिक विकास में योगदान को स्मरण करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आने वाली नयी पीढ़ियों को पुरखों के योगदान से अवगत कराएं ताकि उनसे प्रेरणा ले ओर सही दिशा में भविष्य का निर्माण कर सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पीएम जनमन योजना, धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान, आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से जनजातीय बाहुल्य गांवों का कायाकल्प किया जा रहा है। कार्यशाला को अध्यक्ष स्थानीय स्वास्थ्य एवं औषधीय पादप बोर्ड श्री विकास मरकाम, अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग श्री रूपसिंह मण्डावी तथा मुख्य वक्ता श्री रामाधार कश्यप ने भी संबोधित किया।

आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख संिचव श्री सोनमणि बोरा ने कार्यशाला में कहा कि विभाग जनजातीय गौरव एवं अस्मिता के संरक्षण हेतु दस्तावेजीकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। विभाग द्वारा आश्रम-छात्रावासों की व्यवस्था सुदृढ़ करने के साथ ही नयी पहल करते हुए समय-सीमा निर्धारित कर छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। वही सुदूर अंचल में निवासरत जनजाति परिवारों एवं उस क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से विकास की दिशा में तत्परता से काम कर रही है। यह भी गौरव का विषय है कि हाल ही में 01 नवम्बर को राज्योत्सव के मौके पर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों द्वारा जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में बने शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह संग्रहालय का उद्घाटन हुआ है। स्वागत भाषण टीआरटीआई की संचालक श्रीमती हीना अनिमेश नेताम ने दिया और आभार प्रदर्शन आयुक्त डॉ. सारंश मित्तर ने किया।

कार्यशाला में सभी जिलों के सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास, वनवासी कल्याण समिति, वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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News Desk

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