मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश सरकार देगी नर्मदा परिक्रमावासियों को प्रमाणपत्र, डेटा अपडेट से रास्ते में होगी सुविधा

भोपाल 

प्रदेश में अब हर नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की जानकारी सरकार के पास होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने नर्मदा नदी और नर्मदा परिक्रमा मार्ग से जुड़े जिलों की ग्राम पंचायतों को आदेश दिए हैं कि वे परिक्रमावासियों को प्रमाण पत्र जारी करें। इसके जरिये सरकार डेटा अपडेट करेगी। 

सरकार ने पंचायतों से कहा है कि वे परिक्रमावासियों की समस्याओं का समाधान करने में मदद करें। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने जनपद पंचायतों से 31 अक्टूबर तक जारी किए गए प्रमाण पत्रों की जानकारी तलब की है।

प्रदेश में नर्मदा नदी को मां नर्मदा के रूप में पूजा जाता है। हर साल कई श्रद्धालु अमरकंटक से लेकर अरब सागर और फिर वापस अमरकंटक तक नर्मदा की परिक्रमा करते हैं। अब प्रमाण पत्र होने से ग्रामीण इलाकों में परिक्रमा करते समय परिक्रमावासियों को पहचान दिखाने में आसानी होगी। प्रमाण पत्र लेने वाले परिक्रमावासियों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं होना चाहिए।

अब आपराधिक प्रकरण वाले लोग नर्मदा की परिक्रमा नहीं कर सकेंगे

 प्रदेश के नर्मदा नदी वाले सोलह जिलों यथा अनूपपुर, डिण्डौरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बड़वानी, आलीराजपुर, धार, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खण्डवा एवं खरगौन से नर्मदा परिक्रमा की जाती है तथा अब यह परिक्रमा वही लोग कर पायेंगे जिनके विरुध्द कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं होगा।

परिक्रमा के दौरान पडने वाली ग्राम पंचायतों में प्रवेश के दौरान परिक्रमावासी को अपने नाम, पते एवं मोबाइन नंबर के साथ आवेदन देना होगा जिसमें उसे अण्डरटेकिंग देनी होगी कि उसके विरुध्द कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है। इस आवेदन के साथ उआईडी यथा आधार या वोटर या समग्र आईडी लगाना होगी जिस पर संबंधित ग्राम पंचायत आवेदक को एक प्रमाण-पत्र जारी करेगी कि आवेदक जीवन दायिनी मांग नर्मदा की यात्रा कर रहा है।

राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने संबंधित कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर दिया है। ग्राम पंचायत द्वारा जारी नर्मदा परिक्रमावासी होने का प्रमाण-पत्र पुलिस एवं प्रशासन भी पहचान के रुप में मान्य करेगी।

ऐसे जारी होंगे प्रमाणपत्र

    परिक्रमावासियों को ग्राम पंचायत को आवेदन देना होगा, जिसमें दो फोटो और एक पहचान पत्र लगाना होगा।
    आवेदन मिलने पर ग्राम पंचायत तय फॉर्मेट में प्रमाण पत्र जारी करेगी।
    ग्राम पंचायत को परिक्रमावासियों के लिए एक रजिस्टर बनाना होगा।
    प्रमाण पत्र दिखाकर परिक्रमावासी नर्मदा परिक्रमा के दौरान किसी भी गांव में आसानी से प्रवेश कर सकेंगे।
    स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी इस प्रमाण पत्र को परिक्रमावासी की पहचान के रूप में मानेंगे।
    सभी ग्राम पंचायतें भविष्य में इसी आधार पर कार्य करेंगी।
    अब तक जारी किए गए प्रमाण पत्रों की जानकारी पंचायतें 15 दिन के भीतर संचालनालय को भेजेंगी।

इस निर्णय से नर्मदा परिक्रमा वासियों को पहचान के लिए दस्तावेज की कमी से होने वाली परेशानियों से बचाया जा सकेगा और उनकी यात्रा आसान होगी।

 

 

?s=32&d=mystery&r=g&forcedefault=1
News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button