राज्य

नौकरी के नाम पर लूट: 40 हजार की सैलरी में यात्री बने शिकार

आरपीएफ ने सोमवार को धनबाद रेलवे स्टेशन से एक महिला समेत नशाखुरानी गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक भागने में सफल रहा। गिरोह में कुल छह सदस्य हैं, जिनमें से पांच बिहार के औरंगाबाद, जबकि छठा गया का रहने वाला है। सरगना औरंगाबाद के देव का अनिल सिंह है, जो पांचों आरोपितों को यात्रियों को लूटने के एवज में बतौर वेतन प्रति माह 40-40 हजार रुपये का भुगतान करता था।

देवर चकमा देकर भागा

गिरफ्तार आरोपितों में अनिल की पत्नी सुनैना देवी, औरंगाबाद के ही सुलैया का 45 वर्षीय वीरेंद्र सिंह व गया के खिजरसराय का 20 वर्षीय सूरज कुमार है। सुनैना का देवर सुनील पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। डेहरी आन सोन निवासी राजीव कुमार सिंह 12 सितंबर को धनबाद के प्लेटफार्म संख्या दो पर गंगा-सतलज एक्सप्रेस के आने का इंतजार कर रहे थे। वहां पीली साड़ी में एक महिला बैठी थी, जबकि एक व्यक्ति उसके पास टहल रहा था। कुछ देर बाद उसने राजीव से बातचीत शुरू कर दी।

कोल्ड ड्रिंक पीना पड़ा भारी

थोड़ी देर में जब ट्रेन पहुंची तीनों एक ही बोगी में सवार हुए। इस बीच उसने राजीव को कोल्ड ड्रिंक और चिप्स लेने की जिद की तो न चाहते हुए भी उन्होंने एक-दो चिप्स के साथ कोल्ड ड्रिंक पी ली। इससे उन्हें नींद आने लगी। अर्द्ध बेहोशी की हालत में उसने महसूस किया कि उसकी सोने की अंगूठी, पास में पड़े 25 हजार रुपये, मोबाइल व अन्य सामान कोई निकाल रहा है। इसी बीच वह बेहोश हो गया।

ऐसे पकड़ी गई महिला

बाद में डेहरी आन सोन पहुंचने पर उन्हें अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वस्थ होने के बाद राजीव 29 सितंबर को धनबाद पहुंचे। वह तब से लुटेरों की तलाश में थे। इसी बीच सोमवार को उनकी नजर उस महिला पर पड़ी, जिसने लूट की घटना के दिन पीली साड़ी पहन रखी थी। संयोग से वह सोमवार को भी उसी साड़ी में दिखी। इसके बाद उनकी निशानदेही पर तीनों पकड़े गए।

?s=32&d=mystery&r=g&forcedefault=1
News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button