छत्तीसगढ़

सूरसागर लेक के बीच बनी विशाल शिव प्रतिमा

सीएम भूपेन्द्र पटेल महाशिवरात्रि के मौके पर 111 फुट की सोने से मढ़ी मूर्ति का लोकार्पण करेंगे. शिव प्रतिमा, 17.5 किलो सोने से मढ़ी गई;

वडोदरा के बीचोंबीच स्थित ऐतिहासिक सूरसागर तालाब में स्थापित सर्वेश्वरमहादेव की प्रतिमा पर पिछले काफी समय से सोने का लेप चढ़ाने का काम चल रहा था.
सूरसागर लेक के बीच बनी विशाल शिव प्रतिमा, 17.5 किलो सोने से मढ़ी गई; शिवरात्रि पर उद्घाटनवडोदरा के सूरसागर तालाब में स्थित श्री सर्वेश्वर महादेव की मूर्ति गुजरात में वडोदरा शहर के बीचोंबीच स्थित ऐतिहासिक सूरसागर तालाब में स्थापित सोने से मढ़ी हुई प्रतिष्ठित भगवान शिव की मूर्ति की झलक देखी है. ऐसे में कम ही लोग इसमें इस्तेमाल किए गए सोने की मात्रा और मूल्य के बारे में जानते थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेश्वर महादेव की जमीन को स्वर्णिम बनाने के लिए पिछले दो साल पहले पहल शुरू हुई थी. जहां ये पहले वडोदरा के मांजलपुर से विधायक योगेश पटेल ने शुरू की थी.

हालांकि, मूर्ति को स्थापित करने और सोना चढ़ाने का काम करने वाले ट्रस्ट ने अब खुलासा किया है.जानकारी के अनुसार, ट्रस्ट ने बताया कि इसमें करीब 12 करोड़ रुपए का सोना इस्तेमाल हुआ है.मंजलपुर के विधायक योगेश पटेल ने कहा कि मूर्ति पर पिछले डेढ़ साल की मेहनत के बाद विशेष तकनीक से सोने का लेप चढ़ाया गया है. मूर्ति को पूरी तरह से स्वर्णिम बनाने में 17.5 किलोग्राम सोना लगा है. दरअसल, स्वर्ण संकल्प फाउंडेशन ट्रस्ट ने सर्वेश्वर महादेव की प्रतिमा पर सोने का लेप चढ़ाने का काम शुरू करवाया था.बता दें कि,सत्यम शिवम सुंदरम समिति ने साल 1996 में 111 फुट ऊंची प्रतिमा पर काम शुरू किया था. जहां यह 2002 में बनकर तैयार हुई थी. इस मूर्ति को लोगों को समर्पित किए जाने के 15 साल बाद, इसे सोने और उन पर चढ़ाने का फैसला किया गया था.

स्वर्ण संकल्प फाउंडेशन ने संगठन के मामलों की कमान संभाली. विधायक पटेल ने कहा कि सोना चढ़ाना एक मुश्किल काम था. उन्होंने कहा कि मचान खड़ा करना अपने आप में एक चुनौती थी. चूंकि,मूर्ति बहुत ऊंची थी और तालाब के बीच में स्थित थी. ऊंचाई पर चल रही हवाओं ने मजदूरों के लिए समस्या खड़ी कर दी थी.दरअसल, मूर्ति में सोने की परत चढ़ाने के लिए सबसे पहले केमिकल से साफ कर जिंक चढ़ाया जाता था. उसके बाद फिर उस पर ताँबे का लेप किया जाता था. आखिर में उस पर सोने का लेप किया जाता था. हालांकि, स्वर्ण संकल्प फाउंडेशन संगठन को इस नेक काम के लिए अच्छा दान मिला. विधायक योगेश पटेल ने खुलासा किया कि मूर्ति को सोने से मढ़ाने में 17.5 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है. जहां सोने की कीमत करीब 12 करोड़ रुपए है. वहीं, विधायक योगेश पटेल का कहना है कि, स्वर्गीय सावलीवाले स्वामी के बाद मूर्ति का निर्माण किया था, जिसमें पटेल की असीम आस्था थी. ऐसे में मूर्ति का नाम सर्वेश्वर महादेव रखा गया था. चूंकि, मंदिर में मूर्ति की हर साल शिवजी की यात्रा निकाली जाती है, जिसका समापन सूरसागर में होता है . जहां पर मूर्ति की आरती की जाती है. गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सोने की परत चढ़ी मूर्ति 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर शहर को सौंप दी जाएगी. इसके बाद वे महाशिवरात्रि की आरती में हिस्सा लेंगे

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