मध्य प्रदेशराज्य

पूर्व कांस्टेबल सौरभ का काला धन कहां-कहां लगा?

हर कंपनी से रोज लाखों का लेनदेन, अब सहयोगियों से होंगे सवाल

भोपाल । मप्र परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके करीब चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल चार फरवरी तक लोकायुक्त की रिमांड पर है। इनसे पूछताछ में लोकायुक्त को काली कमाई से संबंधित कई अहम जानकारी मिल रही है। सौरभ शर्मा ने अपनी काली कमाई को रियल एस्टेट समेत अलग-अलग कंपनियों में लगाया है। कई कंपनियों में लाखों के डिपॉजिट की जानकारी लोकायुक्त टीम को जांच में मिली है। सौरभ से जुड़ी सभी कंपनियों में शरद और चेतन डायरेक्टर हैं।
2019 में रजिस्टर्ड अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी के तहत भोपाल और इंदौर में करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी गई है। साथ ही करोड़ों रुपये से अवरिल पेट्रोल पंप और उत्तर प्रदेश के राजघाट में मछली का ठेका लिया गया। यहां से प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। इसके अलावा कई कंपनियों के खातों में लाखों रुपये जमा करने की बात भी सामने आई है। इससे संकेत मिल है कि इन कंपनियों के माध्यम से काले धन को सफेद करने का प्रयास किया जा रहा था। सौरभ ने अपनी मां, पत्नी और रिश्तेदारों के नाम पर भी प्रॉपर्टी खरीदी है। चेतन के नाम पर अविरल पेट्रोल पंप भी खरीदा गया है। लोकायुक्त पुलिस ने अब तक की जांच में कई अहम तथ्य जुटाए हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि सौरभ के रिश्तेदारों के अलावा उसके आरक्षक पद पर रहने के दौरान सहयोगी रहे लोगों से भी एजेंसी पूछताछ करेगी।

सौरभ के लिए सिर्फ काम करता था
जानकारी के अनुसार, लोकायुक्त की पूछताछ में सौरभ ने शरद और चेतन को अपना पार्टनर बताया है। उसका कहना है कि शरद और चेतन को हर कारोबार की पूरी जानकारी है। हालांकि, उसने चेतन के नाम पर रजिस्टर्ड कार में मिले 52 किलो सोने के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है। वहीं, चेतन ने अपने बयान में कहा है कि कार उसके नाम पर है, लेकिन वह सौरभ के लिए सिर्फ एक कर्मचारी के तौर पर काम करता था। जबकि, शरद का कहना है कि अविरल कंस्ट्रक्शन के अलावा किसी और चीज से उसका कोई संबंध नहीं है।

तीनों का हर दिन कराया जा रहा मेडिकल  
रिमांड के दौरान लोकायुक्त पुलिस की टीम उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रख रही है। सौरभ, चेतन और शरद का रोजाना मेडिकल कराया जा रहा है। साथ ही उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें दो अलग-अलग थानों में रखा गया है। सौरभ और चेतन कोहेफिजा और शरद शाहजहांनाबाद थाने में बंद हैं। लोकायुक्त पुलिस चार फरवरी को तीनों को कोर्ट के सामने पेश करेगी। इस दौरान पूछताछ के लिए एक बार फिर उनकी रिमांड मांगी जा सकती है।  

2021 में बनाई अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी
बताया गया कि अवरिल कंस्ट्रक्शन कंपनी में शरद जायवाल और चेतन सिंह गौर डायरेक्टर हैं। इस कंपनी में सौरभ का साला एडिशनल डायरेक्टर है। सौरभ किसी कंपनी में नहीं है। यह कंपनी 2021 में बनाई है। इस कंपनी के नाम पर भोपाल और इंदौर में करोड़ो रुपये की संपत्ति खरीदी गई। इस कंपनी के जरिए सौरभ शर्मा ने अपनी काली कमाई को कंस्ट्रक्शन के काम में लगाया है। सौरभ के करीबी चेतन सिंह गौड़ के नाम पर अविरल पेट्रोप पंप संचालित है। हालांकि, चेतन का कहना है कि उसे पेट्रोल पंप के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस पेट्रोल पंप से भी सौरभ को लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन होता है। यहां भी नगद में काली कमाई का उपयोग करने का संदेह है। इसके अलावा सौरभ के शेयर मार्केट में भी पैसा लगाने की जानकारी मिली है।

फिसरिज फर्म के दस्तावेजों की हो रही जांच
सौरभ शर्मा ने उत्तर प्रदेश के ललितपुर में चेतन सिंह गौड़ के नाम पर राजघाट में मछली पालन का ठेका लिया है। यहां से हर दिन डेढ़ से दो लाख रुपये का ट्रांजेक्शन होने की जानकारी सामने आई है। ऐसे में एजेंसी को शक है कि काली कमाई को सफेद करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया है। एजेंसी इस कंपनी के दस्तावेजों की जांच कर रही है।  सौरभ के पास से बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। यह प्रॉपर्टी सौरभ की मां, पत्नी, साले, साली और रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई हैं। लोकायुक्त पुलिस इन सभी को बुलाकर अब प्रॉपर्टी के संबंध में पूछताछ करेगी। साथ ही सौरभ के आरक्षक पद पर रहने के दौरान उसके सहयोगी रहे लोगों से भी एजेंसी पूछताछ कर सकती है।  

?s=32&d=mystery&r=g&forcedefault=1
News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button