राजिम । छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध तीर्थ नगरी राजिम में माघी पुन्नी मेला के प्रथम दिन भगवान श्री राजीव लोचन के प्राकट्य उत्सव पर मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है। जिसकी भव्यता देखते ही बनती है। भगवान के दर्शन करने सुबह से भक्तों की भीड बनी हुई है।
भगवान श्री राजीव लोचन का विशेष श्रंृगार किया गया है। जिसका दर्शन पाने के लिए दूर-दराज से दर्शनार्थी सुबह से पंक्ति लगा कर खड़े थे और अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे कि हमें भी भगवान के आलौकिक रूप का दर्शन हो। मंदिर के सर्वाकार चन्द्रभान सिंह ठाकुर (राजू ठाकुर), शिव ठाकुर, भारत सिंह, बैंकुठ ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि वैसे तो बारहो महीना ही भगवान का पूजन प्रात: स्नान ध्यान कर किया जाता है लेकिन आज माघ पूर्णिमा के दिन ब्रम्हमुहूर्त में पुरोहितों के द्वारा मंत्रोच्चारण कर प्रात: 3:30 बजे दर्शनार्थियों के लिए पट खुल जाता है। इसी समय भगवान श्री राजीव लोचन की बालरूप में आरती की जाती है।
महाभिषेक कर पीताम्बरी धारण कर स्वर्ण आभूषण से भगवान को सुसज्जित किया जाता है जिसमें सोने के कमर पट्टा, कण्ठमाला, कर्णफूल और बाजूबंद प्रमुख होते है। श्री राजीव लोचन ही भगवान विष्णु के अवतार है जो चतुर्भुज रूप में है। श्रद्धालुओं को भगवान का चर्तुभुज रूप दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दोपहर 12 बजे ध्वज पूजन किया जाता है फिर मुकूट के स्थान पर भगवान राजीव लोचन को पगडी पहनाया गया।
उसके बाद बाल भोग के रूप में मावन, मिश्रि, मिठाई, अनर्षा, फल-फूल का भोग लगा। रात्रि 8 बजे दाल, चॉंवल, सब्जी का महाप्रसाद के रूप में भोग लगाया जाएगा। रात में दूध, अनर्षा, मिठाई का भोग चढ़ाया जाता है। मंदिर के पुजारी महेन्द्र सिंह, मनोज सिंह सनत ठाकुर, तुषार ठाकुर, नरेन्द्र सिंह, रमेश सिंह, संजय सिंह, विकास राजपूत, कन्हैया ठाकुर, पुरषोत्तम, ओम सिंह, भोला, मोनू ठाकुर आदि प्रभु के सेवा कार्य में लगे हुए है।