राष्ट्रीय

भारत नहीं चाहता गैस आपूर्ति के लिए पाकिस्तान पर निर्भर रहना

नई दिल्ली,। तुर्कमेनिस्तान से अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए भारत आने वाली तापी गैस पाइपलाइन से केंद्र सरकार पीछे हटती नजर आ रही है। पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार इस पाइपलाइन के भारत में विस्तार को लेकर उत्साहित नहीं है।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति के तहत भारत गैस आपूर्ति के लिए पाकिस्तान पर निर्भर नहीं रहना चाहता क्योंकि इससे पाकिस्तान, भारत पर दबाव बना सकता है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार टीएपीआई के जरिए गैस आपूर्ति पर सक्रिय रूप से जोर नहीं दे रही है। अफगानिस्तान की सरकार और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह ही इस परियोजना के तहत काम शुरू कर दिया है। तुर्कमेनिस्तान में एक सेरेमनी में कार्यवाहक अफगान पीएम हसन अखुंद समेत दोनों देशों के अधिकारियों ने इस परियोजना की तारीफ की। अखुंद ने कहा कि ये पहल अफगानिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी और दोनों देशों की आबादी को इससे सीधा फायदा पहुंचेगा। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सर्दार बर्दिमुहामेदो ने कहा कि ये प्रोजेक्ट पूरे क्षेत्र के लिए लाभकारी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नाम ना छापने की शर्त पर विशेषज्ञों ने बताया कि तापी से आर्थिक लाभ तभी होगा जब गैस पाकिस्तान और भारत तक पहुंचे। इन दोनों देशों के बाजार आकार और खरीद क्षमता पाइपलाइन की अहमियत को बढ़ाएगी। भारत के पास अब एलएनजी आपूर्तिकर्ताओं तक भी आसान पहुंच है। तुर्कमेनिस्तान की ओर से इस प्रोजेक्ट पर 2015 में काम शुरू हो गया था और 2018 में अफगानिस्तान में इस पर काम शुरू होना था लेकिन इसमें देरी होती चली गई।
इस पाइपलाइन से दक्षिण-पूर्व तुर्कमेनिस्तान में गल्किनीश गैस क्षेत्र से करीब 33 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस निकाले जाने का लक्ष्य रखा है। अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी हुई है। तालिबान सरकार को किसी भी देश ने अभी तक आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है। ऐसे में ये पाइपलाइन तालिबान सरकार के लिए मध्य और दक्षिण एशिया के बीच एक सेतु के तौर पर काम करने का मौका है।

?s=32&d=mystery&r=g&forcedefault=1
News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button