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छत्तीसगढ़ की मसाला फसल में उछाल, किसानों की आय में इजाफा

छत्तीसगढ़ में मसालों की खेती का दायरा बढ़ता जा रहा है। कृषि के क्षेत्र में राज्य सरकार की किसान हितैषी नीति का असर दिखाई दे रहा है। किसान नवाचार की ओर बढ़ रहे हैं। सामान्य तौर पर, जो किसान छत्तीसगढ़ में धान और अन्य पारंपरिक फसलें उगाते थे, वे अब मसाले की खेती की ओर भी रुख कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ को मसालों की खेती में देश में नई पहचान मिल रही है। वर्तमान में मसालों का उत्पादन चार मिलियन मीट्रिक टन से अधिक है। धनिया के बीज की आपूर्ति छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्यों में भी की जाती है।छत्तीसगढ़ समाचार

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार छत्तीसगढ़ की जलवायु मसालों के उत्पादन के लिए अनुकूल है। इसलिए यहां मसालों की खेती लगातार बढ़ती जा रही है। हल्दी, अदरक, लाल मिर्च, अजवाइन, इमली, लहसुन की खेती की जाती है। छत्तीसगढ़ के लगभग सभी क्षेत्रों में हल्दी, धनिया, मेथी, लहसुन, मिर्च, अदरक की खेती की जाती है। वहीं, बलरामपुर, बिलासपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और मुंगेली में अजवायन और कोंडागांव में काली मिर्च उगाई जाती है।

उस क्षेत्र को बढ़ाना जहाँ मसाले उगाए जाते हैं
मसालों की खेती के रकबे के साथ-साथ उत्पादन भी तेजी से बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 66,081 हेक्टेयर में मसाले उगाए जाते हैं और लगभग 4 लाख 50 हजार 849 मीट्रिक टन मसालों का उत्पादन किया गया है। हल्दी का क्षेत्रफल एवं उत्पादन छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक है। फिर अदरक, धनिया, लहसुन, मिर्च, इमली उगाई जाती है।

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