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बच्चो की कहानियां

आईना झूठ नहीं बोलता Short Motivational Story

एक छोटी सी लड़की थी, उसका नाम था परी, वो बात-बात पर गुस्सा होती थी। उसकी मां उसे हमेशा समझाती रहती कि ‘परी बेटा, इतना गुस्सा करना अच्छी बात नहीं है, लेकिन फिर भी उसके स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया। एक दिन परी अपना होमवर्क करने में व्यस्त थी। उसकी टेबल पर एक सुंदर-सा फूलों से सजा पॉट रखा था। तभी उसके छोटे भाई का हाथ उस पॉट से टकराया और गिरने पर उसके कई टुकड़े हो गए।

अब क्या, परी गुस्से से बौखला उठी। तभी वहां उसकी मां ने एक आईना लाकर उसके सामने रख दिया। अब गुस्से से भरी परी ने अपनी शक्ल आईने में देखी, जो कि गुस्से में बहुत ही बुरी लग रही थी। अपना ऐसा बिगड़ा चेहरा देखते ही परी का गुस्सा छू-मंतर हो गया। तब उसकी मां ने कहा, देखा परी! गुस्से में तुम्हारी शक्ल आईने में कितनी बुरी लगती है, क्योंकि आईना कभी झूठ नहीं बोलता। अब परी को पता चल गया था कि गुस्सा करना कितना बुरा होता है। तभी से उसने गुस्सा न करने का एक वादा अपने आप से किया।

ऐसे मिला छिपा खजाना

एक बार एक बूढ़ा व्यक्ति मृत्यु के कगार पर था। उनके पुत्र बहुत आलसी थे। बूढ़े ने सोचा मेरे मृत्यु के बाद उनका क्या होगा? उसने सभी को पुत्रों को बुलाया और कहा, मैंने मैदान में एक बड़ा खजाना गाड़ दिया है। कुछ दिनों बाद बूढ़े व्यक्ति की मृत्यु हो गई। तब उनके पुत्रों ने खेत में खजाने की बहुत खोज की, लेकिन असफल रहे। तब गांव के एक बूढ़े आदमी द्वारा उन्हें खेत में बीज बोने की सलाह देने पर उन्होंने कुछ बीज बोए। कुछ समय के पश्चात उन्हें गेहूं की बंपर फसल मिली। उन्हें यह सोने की तरह लग रहा था। यही बूढ़े आदमी का छिपा हुआ खजाना था।

कछुआ जीता, खरगोश हारा

पुराने समय की बात है। एक खरगोश और एक कछुआ का सामना हुआ। दोनों ने दौड़ लगाने का फैसला किया। खरगोश बहुत तेज था, वह बहुत तेजी से भागा जा रहा था और कछुआ काफी पीछे था। खरगोश ने कछुए को अपने काफी पीछे देखा तो सोचा कि क्यों न एक झपकी ले ली जाए। खरगोश एक पेड़ के नीचे सो गया। इस बीच, कछुआ वहां पहुंचा जहां खरगोश सो रहा था। खरगोश को सोता छोड़ कछुआ आगे निकल गया और विजय पद पर पहुंच गया। खरगोश जागा तो बहुत दुखी हुआ, पर कुछ कर न सका।

चूहे ने की शेर की मदद

एक बार एक शेर पेड़ के नीचे सो रहा था। अचानक पेड़ के बिल से एक चूहा बाहर आया और शेर के शरीर पर कूद गया। शेर ने उसे कसकर पकड़ लिया, लेकिन कुछ सोच कर उसे अपनी कैद से मुक्त कर दिया। चूहा शेर को धन्यवाद देते हुए कहा कि एक दिन वह शेर की मदद करेगा। कुछ दिनों बाद शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया। वह दहाड़ा। शेर की आवाज सुनकर चूहा वहां आया और उसने जाल को काट कर शेर को जाल से मुक्त कर दिया। शेर ने चूहे का शुक्रिया अदा किया।

शरारत पड़ी महंगी

एक चरवाहे का लड़का बहुत शरारती था। वह पशुओं को चराने के लिए जंगल ले जाता था। एक दिन वह चिल्लाया- भेड़िया आया, भेड़िया आया। उसे बचाने के लिए सभी गांव वाले दौड़ पड़े। जब वे ढूंढने निकले तो वहां कोई भेड़िया नहीं था। शरारती लड़का गांव वालों को परेशान होते देख जोर-जोर से हंस रहा था। अगले दिन उसने फिर वही काम किया। गांव वाले मदद के लिए आए, लेकिन वह उनकी मूर्खता पर हंसता था। एक दिन हकीकत में वहां भेड़िया आया। अब लड़के ने मदद के लिए बहुत शोर मचाया, चीखा-चिल्लाया, लेकिन अफसोस ! कोई भी गांव वाला उसे बचाने नहीं आया। अंतत: भेड़िया ने लड़के को मार डाला।

शेर ने चुकाया एहसान Small Story

एक गुलाम व्यक्ति था। उसका मालिक बहुत ही निर्दयी था। इसलिए गुलाम जंगल में भाग गया। वहां उसने एक शेर देखा। शेर को दर्द हो रहा था। उसके पंजे में एक कांटा फंसा हुआ था। गुलाम व्यक्ति शेर के पास गया और उसका कांटा निकाल लिया। अब शेर का दर्द कम हो गया। एक दिन गुलाम को उसके मालिक ने पकड़ लिया। उसका मालिक उसे भूखे शेर का सामना करने का आदेश देता है। गुलाम समझ चुका था कि उसकी मृत्यु निश्चित है। लेकिन क्या आश्चर्य हुआ, जब शेर दहाड़ता हुआ आया लेकिन उसने गुलाम को नहीं बल्कि उसके मालिक को मार डाला। यह वही शेर था जिसकी गुलाम ने जान बचाई थी।

काम आई होशियारी

एक टोपी बेचने वाला गरीब आदमी एक जंगल से गुजर रहा था। दोपहर का समय था। वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया, थकान की वजह से वह उसी पेड़ की छाया में सो गया। उसी समय में कुछ बंदर पेड़ से उतरकर नीचे आए और उसकी सारी टोपियां ले ली। जब टोपी बेचने वाले की आंखें खुली तो वह अपनी टोपियां न पाकर वह चौंक गया। फिर उसने अपना दिमाग लगाया और अपने सिर की टोपी निकाली और नीचे फेंक दी। जब बंदरों ने यह हरकत देखी तो उन सभी ने भी ऐसा ही किया। आखिरकार टोपी वाले की होशियारी काम आई और उसे सारी टोपियां मिल गई, उन सबको इकट्‍ठा करके वो अपनी अगली यात्रा पर निकल गया।

मूर्ख कौआ और चालाक लोमड़ी

एक बार एक कौए को रोटी का एक टुकड़ा मिला, इसे वह अपनी चोंच में रख रहा था। वह एक पेड़ पर बैठा था। अचानक एक लोमड़ी वहां आई तो उसने कौए की चोंच में रोटी का टुकड़ा देखा। लोमड़ी बड़ी चालाक थी, उसने कौए से कहा, ‘आपकी आवाज बहुत ही अच्छी और प्यारी है, कृपया गीत गाकर सुनाएं।’ मूर्ख कौआ अपनी तारीफ सुनकर बहुत खुश हुआ और गाने के लिए जैसे ही अपना मुंह खोला। रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी रोटी का टुकड़ा उठाकर भाग गई और कौआ मूर्ख बन गया।

एकता का बल Kids short stories

एक बहुत बूढ़ा आदमी था। उसके 4 बेटे थे। बूढ़ा अपने बेटों को लेकर बहुत चिंतित था, क्योंकि सभी बेटे एक-दूसरे के विरोधी थे और आपस में लड़ते रहते थे। एक दिन बूढ़े ने उन सभी को अपने पास बुलाया और सभी को लकड़ी का एक-एक टुकड़ा दिया और उसे तोड़ने के लिए कहा। सभी ने एक झटके में लकड़ी तोड़ दिया। फिर बूढ़े ने उन्हें लाठी के कुछ टुकड़ों को इकट्‍ठा एक साथ बांधकर उनको दिया। लेकिन एक भी बेटा उन लाठियों को तोड़ न सका। अब जाकर उन्हें एकता की ताकत समझ में आई। फिर वे मिलजुल कर रहने लगे।

कौए की सूझबूझ

एक कौआ बहुत प्यासा था और पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। अचानक उसको एक घड़ा नजर आया। उसे उसके थोड़ा पानी दिखाई दिया। उसने अपनी प्यास बुझाने की काफी कोशिश की, लेकिन घड़े में बहुत कम पानी होने के कारण पानी पी न सका। कौआ ने कुछ सोचा और वह कुछ कंकड़ अपनी चोंच में भरकर लाया और घड़े में गिराता गया, इस तरह मटका कंकड़ों से भर गया और पानी ऊपर आ गया। अब कौए ने अपनी प्यास बुझाई।

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