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HINDI STORY – अनोखी तरकीब

बच्चो की कहानी HINDI STORY

HINDI STORY-बहुत पुराणी बात है | एक अमीर व्यापारी के घर चोरी हो गयी |बहुत तलाश करने के बाद भी उसका सामान नही मिला और न ही चोर का कुछ पता चला | तब अमीर व्यापारी शहर के काजी के पास गया और उसे चोरी के बारे में बताया|

सबकुछ जानने के बाद काजी ने उस व्यापारी के सभी नौकरों और दोस्तों को अपने पास बुलाया | जब सब लोग उसके सामने आये तो उसने सबको एक-एक छड़ी दी, सभी छड़ियाँ बराबर थी| न कोई छोटी न कोई बड़ी|

सबको छड़ी देने के बाद काजी बोला, “इन छड़ियों को सब अपने अपने घर ले जाओ और कल वापस ले आना | इन छड़ियों की खासियत है की यह चोर के पास जा क्र अपने आप एक ऊँगली बड़ी हो जाती है | और जो चोर नही होता उसकी छड़ी एसी ही रहती है | इस तरह मैं चोर की पहचान क्र लेता हूँ |”

काजी की बात सुन कर सब अपने अपने घर चले गए |

उनमे से ही एक व्यापारी के यहाँ चोरी करने वाला चोर भी था | जब वह अपने घर गया तो उसने सोचा,”अगर कल सुबह काजी के समने मेरी छड़ी एक ऊँगली बड़ी निकल गयी तो वह मुझे पकड़ लेगा और फिर न जाने वह मुझे क्या सजा दे | तो क्यों न में इस जादुई लकड़ी को एक ऊँगली काट दूँ | ताकि काजी को कुछ पता ही न चले |”

चोर यह सोच कर बहुत खुश था और फिर उसने तुरंत एक ऊँगली के बराबर छड़ी को काट दिया | फिर उसने उसे घिस घिस कर एसा क्र दिया जिससे किसी को पता न चले की वह कटी है|

वह अपनी चालाकी पर बहुत खुश था और खुशीखुशी वह चादर तान कर सो गया | सुबह चोर अपनी छड़ी ले कर काजी के पास गया | वहां पहले ही बहुत लोग जमा थे |

काजी एक-एक कर सबकी छड़ी देखने लगा | जब चोर चादी को देखा गया तो वह एक ऊँगली छोटी थी | काजी ने तुरंत छोर को पकड़ लिया | फिर उससे व्यापारी का सारा माल निकलवा लिया | और चोर को जेल में दाल दिया |

सभी काजी की इस अनोखी तरकीब की खूब प्रशंसा कर रहे थे |

  • अनोखी तरकीब
  • लेखक- पराग ज्ञानदेव चौधरी

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